
बंशी बजा के मेरी निंदिया उडाई
सावला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई
बंशी बजा के मेरी निंदिया उडाई
सावला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
बंशी बजा के मेरी निंदिया उडाई
सावला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई
आँख मिचौली काहे खेले तू कान्हा
पलके बिछाए बैठी तेरी राधा
कास में तेरी बन जाती बंसुरिया
अधरों से तेरे लग जाती में सांवरिया
नैना निहारे पन्थ आओ मुरारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
बंशी बजा के मेरी निंदिया उडाई
सावला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई
याद जो आये मोहे पल महारास के
थिरके पायलिया मृदंग ताल पे
याद जो आये मोहे पल महारास के
थिरके पायलिया मृदंग ताल पे
जितनी गोपिया उतने गोविन्दा
कण कण में हे देखो जेसे भगवंता
पल ना पड़े अब कान्हा पल पल भारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
कान्हा बिना अबतो राह नहि जाए
यमुना नदिकी धारा सुखी जाए
अपने गोपालजी को गैया पुकारे
वृक्ष लताबन उपबन सुने सब सारे
ब्रजराज आओ मेरे मोर मुकुटधारी ।
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
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Singer : Anup Jalota | Lyrics : Pt.Kiran Mishra | Music : Triveni-Bhavani