
Lyrics:
राम नाम की लुट हे लुट सके तो लुट
अन्तकाल पछ्ताएका जब प्राण जाएगा छुट
हरि हरि जपले मनुवा क्युं घबराए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
झुठे सारे जग के नाते कैसे जग बन्धन को काटे
एक है सच्चा नाता जग में,
सब अर्पण उसके चरण में
हर पल ये मन प्रभु के ही गुण गाए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
हरि हरि जपले मनुवा क्युं घबराए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
तेरे नाम की महिमा भरी मीरा भई मोहन मतवारी
तेरे नाम लिया ब्रज में तुम आए मुरली गिरधारी
नाम तेरा धाम तेरा मेरे मन को भाए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
हरि हरि जपले मनुवा क्युं घबराए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
मन मन्दिर अन्तर में मूरत नैनों मैं हर पल तेरो सूरत
ये तन तेरी महिमा गाए मेरे मन में तु रम जाए
सीताराम राधेश्याम जो सुमिरे सुख पाए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
हरि हरि जपले मनुवा क्युं घबराए
इक वही पार लगाए रे इक वही पार लगाए
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Song Credits:
Song - Hari Hari Japle
Album - Rang De Chunariya
Singer - Anup Jalota
Lyrics -
Music -